वास्तु अनुसार सही मूर्ति रखने से जैसे शुभ परिणाम मिलते हैं, गलत मूर्ति रखने से विपरीत प्रभाव भी हो सकता है। किस प्रकार की बुद्ध मूर्ति को कहाँ और कैसे रखना शुभ परिणाम देगा ?
घर में बुद्ध की मूर्ति रखना सिर्फ सजावट का हिस्सा नहीं है। इसे घर की ऊर्जा, शांति और सकारात्मक भावना बढ़ाने के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। वास्तु के अनुसार सही मूर्ति रखने से लाभ मिलता है और गलत मूर्ति रखने से विपरीत प्रभाव हो सकता है। किस प्रकार की बुद्ध मूर्ति कहाँ और कैसे रखनी चाहिए ताकि शुभ फल मिल सके ?
कैसी बुद्ध मूर्ति रखेंगे ?
ध्यानस्थ बुद्ध
इस मूर्ति में बुद्ध पद्मासन में बैठे हैं। शांत भाव वाला चमकदार चेहरा। ध्यान में मग्न। यह मानसिक शांति, एकाग्रता और अध्यात्म का प्रतीक है। इसे पढ़ने के कमरे, घर के मंदिर में या लिविंग रूम में रखा जा सकता है। इससे घर में कलह और उत्तेजना कम होती है।
लाफिंग बुद्ध
हंसमुख, स्थूल चेहरे वाला यह बुद्ध—आर्थिक समृद्धि और खुशी का प्रतीक है। मुख्य दरवाजे या लिविंग रूम में ऐसे स्थान पर रखें जहां आसानी से दिखाई दे। इससे परिवार में हंसी-मजाक और खुशहाल माहौल बना रहता है। इस मूर्ति की पूजा करने की आवश्यकता नहीं है। बस सजा कर रखना पर्याप्त है।
अभय मुद्रा बुद्ध
दाहिने हाथ को ऊपर उठाकर अभय मुद्रा में। यह मूर्ति नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है। प्रवेश द्वार के पास या ड्रॉइंग रूम में रखने के लिए आदर्श।
कहाँ रखने से शुभ फल मिलता है ?
घर के उत्तर-पूर्व कोने में बुद्ध की मूर्ति रखना सबसे शुभ माना जाता है। इसे ज्ञान का दिशा माना जाता है। ध्यान रखें, जहां आप यह मूर्ति रखें, वह स्थान साफ-सुथरा होना चाहिए। वातावरण शांत हो। इस मूर्ति को आंखों के बराबर या उससे ऊपर रखें। मूर्ति के सामने गंदगी, जूते, कचरा नहीं रखना चाहिए। रोज़ धूल-मिट्टी साफ करके मूर्ति को स्वच्छ रखना भी आवश्यक है।
कहाँ नहीं रखना चाहिए ?
बाथरूम, रसोई या फर्श के बिल्कुल नीचे किसी जगह पर कभी भी बुद्ध की मूर्ति न रखें। टूटी या क्षतिग्रस्त मूर्ति कभी भी न रखें। टीवी के ऊपर या जहां बहुत शोर हो, वहां यह मूर्ति न रखना ही अच्छा है।