वास्तु के अनुसार हमारे रोजमर्रा के उपयोग की बहुत छोटी-छोटी चीज़ें जीवन में बड़ा प्रभाव डाल सकती हैं। ऐसी कुछ चीज़ें, जिनके बारे में शायद हम ज्यादा सोचते भी नहीं। कभी आप कल्पना भी नहीं करते कि उन चीज़ों के कारण कुछ हो सकता है, लेकिन उनका प्रभाव बहुत बड़ा होता है। जैसे कि मान लीजिए, घर का दरवाज़ा किस दिशा में खुलता है ? घर में प्रवेश के सामने रखे पायदान का रंग क्या है ? घर की सीढ़ियाँ कहाँ हैं ? उनका रंग क्या है ? ऐसी छोटी-छोटी बातें। सही स्थान पर होने पर यह जीवन में सुख ला सकती हैं और गलत स्थान पर होने पर करोड़पति से गरीब बनने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। वास्तु शास्त्र में इसलिए इन सभी समस्याओं से बचने का उपाय बताया गया है।
कैसे पायदान के घर में रखने से सुख बना रहेगा ?
लगभग सभी लोग घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर एक डोरमैट(Door Mat) रखते हैं। अधिकांश लोग इस स्थान पर काले या भूरे रंग का डोरमैट रखना पसंद करते हैं। इससे गंदगी कम होती है या यह आसानी से दिखाई नहीं देती। इसके कारण इसे लगातार लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है। वास्तु के अनुसार, मुख्य दरवाजे पर सभी रंग के पायदान नहीं लगाए जा सकते। पायादन का रंग इस पर निर्भर करना चाहिए कि आपके घर का मुख्य दरवाजा किस दिशा की ओर मुख करता है।
-यदि आपका मुख्य दरवाजा पूर्व की ओर है, तो पीले या सफेद रंग का पायदान लगाना चाहिए।
-यदि मुख्य दरवाजा पश्चिम की ओर है, तो दरवाज़े का पायदान हरा, नीला या सफेद रंग का होना चाहिए।
-यदि मुख्य दरवाजा उत्तर की ओर है, तो दरवाज़े का पायदान क्रीम, सफेद या हरे रंग का होना चाहिए।
-यदि मुख्य दरवाजा दक्षिण की ओर है, तो दरवाज़े का पायदान हरा, सफेद या गुलाबी रंग का होना चाहिए।
-दरवाज़े का पायदान वस्त्र से या कपास से बना होना चाहिए। वास्तु के अनुसार, इससे परिवार में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।