दुर्गापूजा के दिन हम सभी के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होते हैं। बुराई की शक्ति को हराकर अच्छे की शक्ति का गुणगान किया जाता है। शास्त्रों में दुर्गा को शक्ति, शुद्धता और देवीत्व का प्रतीक माना जाता है। देवी दुर्गा की पूजा करके उनकी ओर प्रगति और सुख-समृद्धि की प्रार्थना की जाती है। शास्त्रों के अनुसार दुर्गा पूजा के समय कुछ विदुर्गाशेष कार्य कभी भी नहीं करने चाहिए। जानें पूजा के समय कौन-कौन से कार्य नहीं करने चाहिए।
खानपान में शुद्धता बनाए रखना दूर्गापूजा के समय मांसाहार नहीं करना चाहिए। इस समय शरीर और मन को शुद्ध बनाए रखने के लिए मांसाहार का त्याग करना चाहिए। दूर्गापूजा के समय मांसाहार के साथ ही शराब से भी दूर रहना चाहिए। शराब त्यागने से मन और मस्तिष्क की शुद्धता बनाए रखने में मदद मिलती है। शास्त्रों के अनुसार प्याज और लहसुन को तामसिक भोजन माना जाता है। इसलिए इस समय प्याज और लहसुन के बिना भोजन करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि नवरात्रि के दौरान सात्विक भोजन करना श्रेष्ठ है। कड़वी बात न बोलें पूजा के समय मुख की भाषा की शुद्धता बनाए रखना भी अत्यंत आवश्यक है। इसलिए दुर्गापूजा में भूलकर भी किसी को अपमानजनक टिप्पणी न करें, साथ ही अश्लील टिप्पणियों या अशिष्ट भाषा का प्रयोग करने से भी बचें। याद रखें कि हमारी मुख की भाषा ही हमारे विचार और शक्ति को प्रभावित करती है। इसलिए मीठे और सकारात्मक शब्द बोलना आवश्यक है।
जुआ मत खेलें--
शास्त्र में दुर्गापूजा में जुआ खेलने पर प्रतिबंध है। इसके साथ-साथ चोरी, धोखाधड़ी आदि करने से भी बचना चाहिए। ईमानदारी के रास्ते पर चलकर ही आध्यात्मिक लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। इसके अलावा बड़ों का अपमान करने, हर बात पर झगड़ा करने से भी बचना चाहिए। सोच-समझ कर नहीं, छल और धोखाधड़ी का सहारा लेने पर देवी का क्रोध झेलना पड़ सकता है। मोह-माया त्यागें ,बाहरी सुख-सुविधाओं के पीछे भागने के बजाय सच्चा शांति खोजें। मोह-माया त्याग कर आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने का यह समय है। कई लोग इस समय दान करते हैं। शास्त्र अनुसार, दान करने से न केवल समाज को लाभ होता है बल्कि माता दुर्गा का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
आत्म-नियंत्रण बनाए रखेंइस समय अपनी पर नियंत्रण बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। दैनिक जीवन में अनुशासन बनाए रखना चाहिए। असंयमित और लापरवाह जीवन हमारे दुख को बढ़ा देता है। जो उपवास करेंगे, उन्हें भूलकर भी दाढ़ी- मूंछ और बाल नहीं काटने चाहिए। 9 दिन तक नाखून काटना भी मना है। इस समय कभी गंदे कपड़े पहनना नहीं चाहिए। विष्णु पुराण के अनुसार दुर्गा पूजा में दिन में सोना वर्जित है। दुर्गा चालीसा, मंत्र और सप्तसती के पाठ के बीच भूलकर भी अन्य कोई बातें नहीं करनी चाहिए।