कैसा हो अगर चॉकलेट के स्वाद के साथ स्वास्थ्य को लेकर भी थोड़ी जागरूकता जगायी जा सकें। चॉकलेट के इसी मीठे स्वाद के साथ अपोलो कैंसर सेंटर (ACC) ने एक खास पहल की शुरुआत की है 'चेक-ओलेट'। इस पहल के जरिए महिलाओं को अपनी सेहत का ख्याल रखने और हर महीने कम से कम 1 मिनट का समय निकालकर स्तन कैंसर की खुद से जांच करने को अपनी रूटीन का हिस्सा बनाने की सलाह दी गयी।
GLOBOCAN की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में महिलाओं के स्तन कैंसर का शिकार होने की सबसे बड़ी वजह उनका अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक न होना है। बताया जाता है कि इसी बात को ध्यान में रखते हुए ही ACC ने स्तन कैंसर का जल्द से जल्द पता लगाने और महिलाओं को अपनी सेहत के प्रति जागरूक करने के लिए ही 'चेक-ओलेट' को डिजाइन किया गया है।
इस पहल की शुरुआत कोलकाता में अपोलो अस्पताल के पूर्वी क्षेत्र के मेडिकल सेवाओं के निदेशक डॉ. सुरिंदर सिंह भाटिया और हिताइशिनी की एग्जिक्यूटिव सदस्या सुमित्रा बरात की उपस्थिति में हुई। सुमित्रा बरात भारत में लोगों के बीच स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता फैसला ने का काम करती हैं। साथ ही इस मौके पर ACC के विशेषज्ञ डॉ. अरुंधति दे, डॉ. मुक्ति मुखर्जी, डॉ. रश्मि चंद, डॉ. ऋतु श्रीवास्तव और ऑनको-कंसल्टिंग की सुहिता मुखर्जी की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही।
एक ट्रिट जो जागरूकता में बदली
इस बारे में मीडिया को संबोधित करते हुए डॉ. अरुंधति दे ने कहा कि 'चेक-ओलेट' खुशी का एक छोटा सा पल है जो बड़ी ही कोमलता के साथ सेल्फ-केयर की बात को याद दिलाता है। उनका कहना है कि स्तन कैंसर की पहचान अगर शुरुआती दौर में ही हो जाती है तो इस बीमारी से लड़ना भी काफी आसान बन जाता है। ACC में हम लगातार यह कोशिश करते रहते हैं कि हर महिला स्तन कैंसर के महत्व को समझे।
बता दें, 'चेक-ओलेट' एक कैंडी बार है, जिसके ऊपर एक QR कोड लगाया हुआ है। इसे स्कैन करने पर यूजर को एक एनिमेटेड वीडियो दिखेगा। इस वीडियो में चरणबद्ध तरीके से बताया गया है कि एक महिला स्तन कैंसर की खुद से कैसे जांच कर सकती हैं। 'चेक-ओ-लेट' खास तौर पर अपोलो अस्पताल के काउंटर में उपलब्ध है।
इसमें डार्क चॉकलेट का इस्तेमाल किया गया है जो न सिर्फ एंटीऑक्सीडेंट और फ्लेवोनोइड्स से भरपूर है बल्कि शरीर में सूजन कम करने, कार्डियोवस्कुलर फंक्शन को स्थिर करने, मूड को बेहतर बनाने और त्वचा और मेटाबॉलिज्म को स्वस्थ रखने मददगार साबित होते हैं।