उत्तर प्रदेश के बदायूं की रहने वाली पिंकी शर्मा श्रीकृष्ण की बचपन से ही भक्त हैं। शुरुआत में जब बेटी ने कान्हा से विवाह की बात की तो मां ने इस पर आपत्ति जताई लेकिन बाद में मान गई।
उत्तर प्रदेश के बदायूं में एक अनोखी शादी इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई हैं। जहां एक युवती ने कान्हा के साथ पूरे विधि विधान के साथ विवाह किया है। इस अनूठे विवाह को पूरे हिंदू रीति-रिवाजों के साथ संपन्न किया गया। सामान्य शादी की तरह कन्यादान, फेरे और विशेष समेत सारी विधियां की गईं।
ये मामला इस्लामनगर थाना क्षेत्र के ब्यौर कासिमाबाद गांव का है, जहां 28 साल की पिंकी शर्मा ने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा के साथ विवाह कर लिया। पिंकी के बहनोई का परिवार बाराती बनकर आया और पूरे गांव ने घराती की भूमिका निभाई गई। परिवार ने विवाह की सारी रस्में पूरी कीं, पिंकी ने भगवान कृष्ण की प्रतिमा को गोद में लेकर सात फेरे भी लिए।
हिन्दू रीति रिवाजों से संपन्न हुआ विवाह
पिंकी पोस्ट ग्रेजुएट हैं और श्रीकृष्ण की बचपन से ही भक्त हैं। शुरुआत में जब बेटी ने कान्हा से विवाह की बात की तो मां ने इस पर आपत्ति जताई लेकिन बाद में बेटी की खुशी के लिए वो भी मान गई। इस अनोखी शादी की पूरे इलाके में चर्चा है। गांव वाले पिंकी को मीरा कहने लगे हैं।
पिंकी शर्मा का विवाह शनिवार 6 दिसंबर को संपन्न हुआ। श्रीकृष्ण की मूर्ति को दूल्हे की तरह संवारा गया। बारात जब पिंकी शर्मा के घर पहुंची तो द्वार पूजा हुई। भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को दूल्हे की तरह संवारा गया। श्रीकृष्ण की मूर्ति गोद में लेकर पिंकी स्टेज पर चढ़ीं और जयमाला डाला। इस दौरान वृंदावन से आए कलाकारों ने नृत्य किया।
बांके बिहार मंदिर के प्रसाद में मिली थी अंगूठी
पिंकी के पिता सुरेश चंद्र शर्मा ने कहा कि वो उनकी सबसे छोटी संतान है और बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्ति की रही है। वो अक्सर परिवार के साथ वृंदावन जाती थी और कुछ महीनों बाद ही फिर से जाने की ज़िद करने लगती थी। धीरे-धीरे वो मन में ही कान्हा को अपना सर्वस्व मान बैठी थी।
पिता ने बताया कि करीब चार महीने पहले बांके बिहारी मंदिर में पिंकी ने ऐसा अनुभव किया, जिसने उनका जीवन बदल दिया। प्रसाद लेते समय उनके आंचल में शुद्ध सोने की एक अंगूठी भी आई।
पिंकी ने इसे कान्हा का आशीर्वाद माना और उसी दिन तय कर लिया कि वह किसी मानव से नहीं, केवल कान्हा से ही विवाह करेंगी।
पिंकी के विवाह समारोह में पूरा गाँव शामिल हुआ। बारात आई, दावत हुई और सभी रस्में निभाई गईं। पिंकी के चचेरे जीजा इंद्रेश कुमार ने कान्हा की ओर से दूल्हे पक्ष की भूमिका निभाई। कान्हा ने ही यह मार्ग दिखाया वही अब जीवन की डोर संभालेंगे. इस विवाह पर पिंकी के माता-पिता ने भी खुशी जताई है।