अंग्रेजी 'केबल' शब्द हमेशा से तार या ज्यादातर मामलों में मोटे तार को दर्शाता है। बचपन में टेस्ट मैच की तरह लंबे समय तक करंट ऑफ होने पर केबल फॉल्ट कहना होगा, यह स्वाभाविक रूप से सीख गया था। उसके बाद केबल टीवी के 'प्रपोजिशन' के रूप में आने के बाद जीवन ही बदल गया। शायद नीचे की ओर चला गया। चैनल बदलते ही फिल्मों की भरमार, खेल, और बहुत कुछ! मन बहलाने के कई तरीके।
लेकिन जब से केबल शब्द आम लोगों के जीवन में फिर से तार के रूप में वापस आया है, तब से जान हलक में आ गई है। यह तार लेकिन जमीन के नीचे या ऊपर बिजली ले जाने वाला मोटा तार नहीं है। यह केबल काफी पतला है। ज्यादा लंबा भी नहीं है। लेकिन हम सभी के घरों में यह चावल-दाल, कमोड या टूथपेस्ट की तरह ही बहुत, बहुत जरूरी है। चार्जिंग केबल!
जरूरी लेकिन अपने गुणों से काफी परेशान करने वाला भी। एक तो फोन खराब होकर मोर्चुअरी चला जाए तो भी उसका चार्जिंग केबल घर में बखूबी टिका रहता है। उसके साथ जुड़ जाते हैं नए फोन के केबल। और सिर्फ फोन ही क्या? अब तो इसके कई रूप हैं-कई अवतार। मान लीजिए, आप अभी भी मेरी तरह पुराने जमाने के तारवाले हेडफोन इस्तेमाल करते हैं। वह तार दूसरे चार्जिंग केबल के साथ दोस्ती जरूर बनाएगा। एक दूसरे को लपेटकर वे डीएनए डबल हेलिक्स बिल्कुल बना लेंगे।
और अगर आप खुद को उन्नत करके इयरबड्स इस्तेमाल करते हैं तो भी छुटकारा नहीं है। उपकरण को चार्ज तो करना ही होगा! इसलिए उसका चार्जिंग केबल तो रखना ही होगा। वह छोटा हो सकता है, लेकिन उसका प्रभाव हमेशा बड़ा होता है। ऐसे छोटे चार्जिंग केबल अब कई डिवाइसों के होते हैं। जैसे, पावर बैंक, ट्रिमर, ब्लूटूथ स्पीकर... ऐसी कई चीजों के। घर में लैपटॉप हो तो उसका केबल भी सांप की तरह मुड़ा-तुड़ा रहेगा। यह तार अवश्य बड़ा और मोटा होता है। कई लोगों की आदत होती है एक दराज में ऐसे कई चार्जिंग केबल रख देना और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त दस मिनट लेकर उलझन सुलझाना। पतले तार के हेडफोन हों तो फिर तो कहना ही क्या!
कई लोगों के घरों में एक और अतिरिक्त सिरदर्द होता है HDMI केबल, जो लैपटॉप को टीवी से कनेक्ट करने के लिए होता है। यह तार काफी मोटा होता है। इसका पोर्ट भी चौड़ा होता है। दूसरों के साथ उलझने की संभावना उतनी नहीं है। लेकिन अन्य तारों के साथ '...हाथों में हाथ डाल कर' खेलने पर मुसीबत होती है।
अब सवाल यह है कि इस उलझन को सुलझाने का क्या तरीका है? कुछ यूट्यूब चैनल या इंस्टाग्राम अकाउंट पर अक्सर दिखाया जाता है कि कैसे इन सभी तारों को व्यवस्थित करके रखा जा सकता है, इस्तेमाल किया जा सकता है। खुद का काम ही व्यवस्थित नहीं कर पाते तो फिर चार्जिंग केबल व्यवस्थित करेंगे। उफ्। यह सब समय बर्बाद करने की साजिश है।
और यह तो बंगाली घर है। एक दिन व्यवस्थित करके रखेंगे, ढाई दिन के बाद फिर से बिल्ली की तरह पुरानी आदत वापस आ जाएगी। सौरभ गांगुली ने जितनी बार वापसी की थी, उससे कहीं ज्यादा। फिर से सब कुछ जैसा-तैसा रखना शुरू हो जाएगा। अंतिम परिणाम वही डीएनए डबल हेलिक्स। अरे भाई, मेरे डीएनए में ही नहीं है इतना व्यवस्थित रखना।
कभी-कभी लगता है, जितने केबल घर में हैं, सब जोड़ दें तो शायद चांद तक पहुंच जाएंगे। केवल उसी आशा में एक गुच्छा तार-ए-जमीन लेकर बैठा हूं। एक-एक करके जोड़कर कमंदकी तरह फेंक कर अगर... अगर चांद के पत्थर पर एक बार बांध सकूं, तो चढ़-चढ़कर ऊपर चला जाऊंगा बिल्कुल।