एक बार फिर से सूर्खियों में छा गया है आरजी कर मेडिकल कॉलेज। प्रथम वर्ष के छात्रों का रैगिंग करने का मामला सामने आया है। आरोप है MBBS दूसरे वर्ष के 4 छात्रों ने मानिकतला हॉस्टल के दो प्रथम वर्ष के छात्रों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने, गाली-गलौज और उनसे मारपीट की है। प्रथम वर्ष के दोनों छात्रों ने कॉलेज प्रिंसिपल और पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई है।
वहीं स्टूडेंट बॉडी के दबाव में आरोपी छात्रों को हॉस्टल से निकाल दिया गया है। 'थ्रेट कल्चर' के नए मामलों के सामने आने के बावजूद प्रशासनिक निष्क्रियता को लेकर स्टूडेंट बॉडी के कुछ सदस्यों ने चिंता जताई है।
रैगिंग के आरोपी चारों छात्रों का नाम उत्सव मुखर्जी, हीरक महतो, सौभिक पात्रा और अर्कज्योति रॉय बताया जाता है। पिछले साल 9 अगस्त को आरजी कार मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में एक युवा डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या की घटना ने पूरा राज्य भर के लोगों में गुस्सा भर दिया था। अब दो छात्रों से रैगिंग का आरोप सामने आया है।
नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) और यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) के नियमों के मुताबिक हॉस्टल में सिर्फ प्रथम वर्ष के छात्रों को रहने की इजाजत थी। आरोप है कि हॉस्टल में दूसरे वर्ष के कुछ छात्र भी गैर-कानूनी तरीके से रह रहे थे। वे लगातार देर रात WhatsApp ग्रुप के जरिए जूनियर छात्रों को कॉल करते और 'परिचय' के नाम पर उनका रैगिंग कर रहे थे। इसके साथ ही अलग-अलग कार्यक्रमों में गैरहाजिर रहने का कारण बताने को लेकर धमका भी रहे थे। आरोप है कि स्टूडेंट्स बॉडी ने इस बारे में कई बार अधिकारियों को बताया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी थी।
पिछले शुक्रवार को प्रथम वर्ष के दो छात्रों ने दूसरे वर्ष के चार छात्रों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवायी। प्रिंसिपल को लिखी शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट की गई। दोनों छात्रों का दावा है कि शिकायत से भड़के सभी आरोपी सोशल मीडिया पर लगातार उन्हें धमकियां दे रहे। शनिवार को आरोपियों ने कोलकाता स्टेशन के पास गाली-गलौज और मारपीट करने के बाद उन्हें रैगिंग के झूठे आरोप में फंसाने की धमकी दी।
सोमवार को स्टूडेंट बॉडी ने फिर से यह मुद्दा उठाया। प्रिंसिपल, वाइस-प्रिंसिपल और डीन का घेराव भी किया गया। आखिरकार अधिकारियों ने आरोपी छात्रों को LM हॉस्टल में स्थानांतरित होने का आदेश दिया। हालांकि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होने की वजह से स्टूडेंट बॉडी में नाराजगी बनी हुई है।
स्टूडेंट बॉडी की मांग है कि प्रशासन रैगिंग पर 'जीरो टॉलरेंस' की नीति को लागू करने के लिए और सख्त व पारदर्शी कदम उठाए। एक शिकायतकर्ता ने कहा कि जैसे ही हम कॉलेज आए, हमने अभया मूवमेंट, रैगिंग और थ्रेट कल्चर के खिलाफ लड़ने का वादा किया था। दुर्भाग्य से हम खुद ही रैगिंग के शिकार हो गए! कॉलेज प्रिंसिपल मानस बनर्जी ने इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं दिया है।