रायपुर: दिनदहाड़े एक पुलिस अधिकारी पर हमला किया गया। आरोप है कि धारदार हथियार से हमला करने से पहले लगभग दो घंटे तक उन्हें चलती गाड़ी में बंधक बनाकर रखा गया। इतना ही नहीं, डिप्टी पुलिस सुपरिंटेंडेंट रैंक के उस अधिकारी पर हमला करने के लिए करीब 350 किलोमीटर तक पीछा भी किया गया। हालांकि धारदार हथियार से वार करने के बावजूद आरोपी पकड़े गए। गिरफ्तार अभियुक्तों में एक सेवानिवृत्त सैनिक और एक महिला शामिल हैं। यह घटना छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले की है।
घायल अधिकारी का नाम तोमेश वर्मा है। डीएसपी रैंक के यह अधिकारी छत्तीसगढ़ के माओवादी प्रभावित सुकमा जिले के जगरगुंडा क्षेत्र में तैनात है। शुक्रवार को वे सरकारी काम से दंतेवाड़ा अदालत आए थे। प्राथमिक जांच के बाद पुलिस ने बताया कि यह हमला पुरानी दुश्मनी के कारण किया गया। केवल उन पर हमला करने के लिए ही दोनों हमलावरों ने करीब 350 किलोमीटर तक पीछा किया। हमलावर दुर्ग जिले के निवासी हैं।
दंतेवाड़ा अदालत परिसर के बाहर उनसे बातचीत करने के बाद अभियुक्त उनके वाहन में घुस गए। ऐसा आरोप है कि महिला ने धारदार चाकू निकालकर अधिकारी के गले पर रख दिया। उसी हालत में उन्हें करीब दो घंटे तक दंतेवाड़ा शहर में गाड़ी चलाने के लिए मजबूर किया गया। एक कार शोरूम के पास पहुंचते ही रामशंकर साहू नामक सेवानिवृत्त सैनिक ने धारदार हथियार से अधिकारी पर वार किया। जान बचाने के लिए उस स्थिति में पुलिस अधिकारी ने गाड़ी से छलांग लगा दी।
दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया कि अधिकारी के सिर के अलावा गर्दन और हाथ में भी चोटें आई हैं। जिला अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। इस हमले के मामले में रामशंकर के साथ एक महिला को भी गिरफ्तार किया गया है। बताया गया है कि उक्त महिला ने पिछले साल दिसंबर में उसी डीएसपी के खिलाफ दुर्ग के मोहननगर थाने में बलात्कार का मामला दर्ज कराया था। महिला ने आरोप लगाया था कि अधिकारी ने उसके घर में घुसकर उसके साथ बलात्कार किया। वह मामला अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है।