नई दिल्ली: दुनिया के अग्रणी देशों की तुलना में खेल अवसंरचना के मामले में भारत काफी पीछे है इस आरोप को खारिज करने के लिए केंद्रीय युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय ने एक नई पहल शुरू की है। खेल प्रशासन, खेल विज्ञान और इससे जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में अवसंरचना के विकास के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने हेतु एक नई इंटर्नशिप नीति लागू की जा रही है।
इसके तहत हर साल कुल 452 इंटर्नशिप दी जाएंगी। चयनित उम्मीदवारों को प्रति माह 20 हजार रुपये का स्टाइपेंड मिलेगा। इसके लिए वार्षिक बजट में 5.30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
देश की नई पीढ़ी के लिए इस योजना की घोषणा केंद्रीय युवा कार्य एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने की। उनके अनुसार, इस परियोजना का उद्देश्य है “खेलों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण।” उन्होंने यह भी बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राएं इस योजना से लाभान्वित होंगे। यह परियोजना राष्ट्रीय खेल नीति और 2025 की ‘खेलो भारत नीति’ के अनुरूप होगी।
सरकारी तौर पर इस योजना का नाम है “युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय तथा उसके स्वायत्त निकायों के लिए व्यापक इंटर्नशिप नीति”। इस योजना में शामिल इंटर्न्स को खेल प्रशासन और अवसंरचना, एंटी-डोपिंग, खेल आयोजन प्रबंधन और एथलीट सपोर्ट सिस्टम का व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलेगा। परियोजना पूरी होने के बाद अधिकांश इंटर्न विभिन्न खेल प्रशासनिक संस्थाओं से जुड़ सकेंगे।
इंटर्न्स को साई (स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया), नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (नाडा) और नेशनल डोप टेस्टिंग लैबोरेटरी (एनडीटीएल) जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं में काम करने का अवसर मिलेगा। साथ ही आधुनिक खेल विज्ञान पर भी विशेष जोर दिया जाएगा।