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मतदाता सूची संशोधन के दूसरे चरण का काम शुरू होने से पहले ही निर्वाचन आयोग के विशेष निर्देश

सटीक मतदाता सूची तैयार करने पर विशेष जोर। जिला प्रशासन को तेजी से जानकारी का सत्यापन करना होगा।

By शुभ्रजीत चक्रवर्ती, Posted by डॉ.अभिज्ञात

Dec 25, 2025 11:11 IST

नयी दिल्लीः ड्राफ्ट मतदाता सूची पहले ही प्रकाशित की जा चुकी है। मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) के दौरान कई शिकायतें सामने आई थीं। अब मतदाता सूची संशोधन के दूसरे चरण का काम शुरू होने जा रहा है। इस काम के शुरू होने से पहले ही निर्वाचन आयोग ने विशेष निर्देश जारी किए हैं। जिन राज्यों में मतदाता सूची संशोधन का काम हुआ है, उन सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश भेजे गए हैं।

बुधवार को ही इन निर्देशों के साथ एक अधिसूचना जारी की गई। इसमें बताया गया है कि मतदाता सूची में संशोधन या सत्यापन से संबंधित नोटिस जारी होने पर संबंधित मतदाताओं से जो दस्तावेज़ जमा होंगे, उनका जिला प्रशासन को तेजी से सत्यापन करना होगा। साथ ही, किन-किन बिंदुओं पर विशेष ध्यान देना है, यह भी स्पष्ट किया गया है।

यह अधिसूचना निर्वाचन आयोग के सचिव पवन दीवान द्वारा जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि मतदाताओं द्वारा पात्रता के प्रमाण के रूप में जमा किए गए दस्तावेज़ों और पहले चरण के डेटा-मैपिंग को बीएलओ ऐप पर अपलोड करना होगा। आयोग के निर्देश के अनुसार, नोटिस मिलने के बाद मतदाता जो भी दस्तावेज़ जमा करेंगे, उन्हें जिला निर्वाचन अधिकारियों के माध्यम से संबंधित दस्तावेज़ जारी करने वाले विभागों को भेजना होगा। उन सूचनाओं की सत्यता की जांच कर पांच दिनों के भीतर आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य होगा।

साथ ही यह भी बताया गया है कि यदि कोई दस्तावेज़ राज्य के भीतर किसी अन्य जिले से जारी किया गया हो तो जिला निर्वाचन अधिकारी उसे आयोग की वेबसाइट के माध्यम से सत्यापन के लिए संबंधित जिला प्रशासन को भेजेंगे। लेकिन यदि कोई दस्तावेज़ राज्य के बाहर किसी अन्य प्राधिकरण द्वारा जारी किया गया हो, तो ऐसे मामलों में तत्काल सत्यापन के लिए उसे सीधे संबंधित राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास भेजना होगा। वहां से सत्यापन के बाद वह दस्तावेज़ उस जिले के कार्यालय में वापस भेजा जाएगा, जहां आवेदक ने आवेदन किया है।

यह स्पष्ट किया गया है कि इन निर्देशों का सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों और रोल ऑब्ज़र्वरों द्वारा कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। मतदाताओं द्वारा जमा किए गए दस्तावेज़ों के सत्यापन में किसी भी प्रकार की देरी न हो और मतदाता सूची संशोधन को लेकर किसी भी तरह की अनियमितता के आरोप न लगें—इस पर निर्वाचन आयोग ने विशेष ध्यान दिया है।

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