नई दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ आबकारी भ्रष्टाचार मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट में जांच एजेंसी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस का दावा है कि आबकारी घोटाले से जुड़े लोगों से चैतन्य बघेल को 200 से 250 करोड़ रुपये तक की राशि मिली।
आर्थिक अनियमितताओं और आबकारी घोटाले से जुड़े होने के आरोप में चैतन्य बघेल को इस वर्ष 18 जुलाई को, उनके जन्मदिन के दिन ही गिरफ्तार किया गया था।
राज्य के करोड़ों रुपये के आबकारी भ्रष्टाचार मामले में जांच एजेंसियों ने सातवीं अतिरिक्त चार्जशीट अदालत में पेश की है। चार्जशीट में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि चैतन्य बघेल आबकारी भ्रष्टाचार से जुड़े वसूली सिंडिकेट का हिस्सा थे। आरोप है कि जब भूपेश बघेल मुख्यमंत्री थे, उस दौरान चैतन्य ने समानांतर आबकारी व्यवस्था शुरू की थी।
3,800 पन्नों की इस चार्जशीट में जांचकर्ताओं का दावा है कि अवैध शराब बिक्री के कारण राज्य को 3,074 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ। इस मामले में चैतन्य बघेल के साथ व्यवसायी अनवर ढेबर को भी अभियुक्त बनाया गया है। आरोप है कि उसके भरोसेमंद नेटवर्क के ज़रिए आबकारी भ्रष्टाचार से जुड़ी रकम का लेनदेन होता था।
चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि चैतन्य बघेल को शराब कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लों के स्वामित्व वाली कई कंपनियों के माध्यम से धन का हिस्सा मिला। इस धन को पारिवारिक व्यवसाय और रियल एस्टेट में निवेश किया गया।
वहीं, चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी को लेकर भूपेश बघेल ने राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक कारणों से केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर साजिश रचने का आरोप भी लगाया।