सूडान में ड्रोन हमले में 114 की मौत, 63 मासूम बच्चे भी शिकार

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि पिछले सप्ताह सूडान में हुए ड्रोन हमलों में 114 लोगों की मौत हुई, जिनमें 63 बच्चे शामिल हैं।

By राखी मल्लिक

Dec 09, 2025 15:23 IST

काहिरा : विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने सोमवार को बताया कि सूडान के क़ुरदाफ़ान राज्य में पिछले सप्ताह एक किंडरगार्टन और अन्य स्थानों पर हुए ड्रोन हमलों में एपी के अनुसार मरने वालों की संख्या बढ़कर 114 हो गई है जिनमें 63 बच्चे शामिल हैं।

WHO ने बताया कि पिछले गुरुवार को कागोली में तीन अलग-अलग ड्रोन हमले हुए। पहला हमला किंडरगार्टन पर किया गया और इसके बाद हुए हमलों ने उन पैरामेडिक्स को निशाना बनाया, जो घायलों को अस्पताल ले जा रहे थे। उस समय मौतों की सटीक संख्या स्पष्ट नहीं हो सकी थी जिसका मुख्य कारण संचार सेवाओं में बाधा था।

WHO के निदेशक डॉ. टेड्रोस गेब्रेयेसुस ने एक्स पर कहा कि संगठन नागरिकों और स्वास्थ्य संस्थानों पर इन बेमतलब हमलों की निंदा करता है और हिंसा समाप्त करने तथा मानवीय सहायता विशेषकर स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच बढ़ाने की अपील करता है।

सूडान डॉक्टर्स नेटवर्क और इमरजेंसी लॉयर्स जो सूडान में नागरिकों के ख़िलाफ़ हिंसा की निगरानी करते हैं इन हमलों के लिए अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फ़ोर्सेज़ (आरएसएफ) को ज़िम्मेदार ठहराया है। शनिवार को जारी एक बयान में इमरजेंसी लॉयर्स ने इस हमले को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का घोर उल्लंघन बताया है जिसमें नागरिकों, विशेषकर बच्चों और महत्वपूर्ण नागरिक ढाँचे की सुरक्षा शामिल है। ये हमले आरएसएफ और सूडानी सेना के बीच चल रहे दो साल लंबे युद्ध के बीच हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अब तक 40,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और 1.2 करोड़ लोग विस्थापित हो चुके हैं। हालांकि राहत संगठनों का कहना है कि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है।

अब लड़ाई तेल-समृद्ध क़ुरदाफ़ान क्षेत्र में केंद्रित हो गई है क्योंकि आरएसएफ ने सूडान के पश्चिमी दारफ़ुर में सेना के अंतिम मज़बूत गढ़ एल-फ़ाशर पर कब्ज़ा कर लिया है। एल-फ़ाशर पर कब्ज़ा बड़े पैमाने पर हिंसा से भरा रहा है। वहाँ नागरिकों की हत्याओं, बलात्कार, यौन हिंसा और अन्य अत्याचारों की अनेक रिपोर्टें सामने आई हैं।

संयुक्त राष्ट्र के प्रवासन एजेंसी के अनुसार कब्ज़े के बाद से 1 लाख से अधिक लोग भाग चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टुर्क ने पिछले सप्ताह चेतावनी दी थी कि क़ुरदाफ़ान में भी एल-फ़ाशर जैसी नई अत्याचारों की आशंका है।

एल-फ़ाशर जैसी नई अत्याचारों की आशंका है। क़ुरदाफ़ान क्षेत्र में मानवीय स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है क्योंकि दो साल से अधिक लंबे विनाशकारी युद्ध के बाद अब अकाल भी फैल रहा है। पिछले महीने दक्षिण क़ुरदाफ़ान की राजधानी कदुगली में अकाल घोषित किया गया था। बताया गया है कि दक्षिण क़ुरदाफ़ान का ही एक और क्षेत्र दिल्लिंग भी कदुगली के जैसे ही भूख की स्थिति का सामना कर रहा है।

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