बैंकॉक: गोवा के बर्च होटल में लगी भीषण आग से जुड़े मामले में वांछित लूथरा बंधु-गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा को थाईलैंड में हिरासत में ले लिया गया है। सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि उन्हें जल्द ही भारत भेजे जाने की उम्मीद है।
मालूम हो कि भारत और थाईलैंड के बीच 2013 से प्रत्यर्पण संधि लागू है। यह संधि वित्तीय अपराधों में वांछित लोगों समेत भगोड़े अपराधियों के प्रत्यर्पण के लिए एक मज़बूत कानूनी ढांचा प्रदान करती है। दोनों देशों के बीच 2012 से दोषी कैदियों के स्थानांतरण पर भी एक समझौता लागू है। गोवा पुलिस के अनुसार 7 दिसंबर को दोनों भाइयों पर यह आरोप लगने के बाद यह मामला दर्ज किया गया कि आग लगने के बाद जब प्रशासन आग बुझाने और फंसे हुए मेहमानों को बचाने में जुटा था, ये देश से फरार हो गए थे। इंटरपोल द्वारा जारी ब्लू कॉर्नर नोटिस के बाद थाई अधिकारियों ने दोनों को थाईलैंड में पकड़ा।
6 दिसंबर की देर रात ‘बर्च बाय रोमेओ लेन’ नाइटक्लब में लगी विनाशकारी आग में 25 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें पाँच पर्यटक और 20 कर्मचारी शामिल थे। यह रेस्टोरेंट गौरव और सौरभ लूथरा के स्वामित्व वाला है। वे ‘बर्च बाय रोमेओ लेन’ के मालिक भी हैं। इस बीच, अरपोरा नाइटक्लब आग मामले में गिरफ्तार अभियुक्त अजय गुप्ता को गुरुवार को गोवा लाया गया और गोवा पुलिस की टीम उसे अंजुना पुलिस स्टेशन ले जा रही है। गुप्ता ‘बर्च बाय रोमेओ लेन’ नाइटक्लब के चार मालिकों में से एक हैं। उन्हें 10 दिसम्बर को दिल्ली की साकेत अदालत ने 36 घंटे की ट्रांज़िट रिमांड दी थी। इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने रोहिणी अदालत को सूचित किया कि अभियुक्त भाई गौरव और सौरभ लूथरा गोवा क्लब अग्निकांड के तुरंत बाद देश छोड़कर चले गए थे और गोवा की एक अदालत उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर चुकी है। उनकी सुरक्षा याचिका का विरोध करते हुए राज्य ने दलील दी कि दोनों जानबूझकर जांच से बच रहे हैं और उन्हें कोई अंतरिम राहत नहीं दी जानी चाहिए।
हालाँकि अभियुक्तों ने अपने वकीलों के माध्यम से अदालत को बताया कि भारत लौटते ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया। उन्होंने दावा किया कि वे कार्य-सम्बंधित कारणों से थाईलैंड गए थे और अब लौटना चाहते हैं लेकिन उन्हें हिरासत में लिए जाने का भय है। उनके वकीलों ने ज़ोर देकर कहा कि आवेदक केवल इतनी ही राहत चाहते हैं कि वे गोवा की सक्षम अदालत में जाने तक संक्षिप्त ट्रांज़िट सुरक्षा प्राप्त कर सकें। रोहिणी अदालत ने बुधवार को उनके ट्रांज़िट अग्रिम ज़मानत आवेदन पर सुनवाई की और यह कहते हुए कि आवेदक वर्तमान में अदालत के क्षेत्राधिकार में नहीं हैं, उसकी ग्राह्यता पर सवाल उठाया।