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एप्स्टीन फ़ाइलें: अमेरिकी न्याय विभाग ने 30,000 दस्तावेज़ सार्वजनिक किये, ट्रंप पर आरोपों की सफाई दी

DOJ ने दावा किया कि ट्रंप के खिलाफ मौजूद दस्तावेज़ “झूठे” हैं और इन्हें उनके खिलाफ “हथियार की तरह इस्तेमाल” किया जा सकता था।

By डॉ. अभिज्ञात

Dec 24, 2025 09:06 IST

वॉशिंगटन: अमेरिका के न्याय विभाग (DOJ) ने जेफ़्री एप्स्टीन से जुड़े 30,000 और पन्नों के दस्तावेज़ जारी किए हैं। इन फ़ाइलों में एप्स्टीन से संबंधित लोगों के नाम, तस्वीरें, पत्र और अन्य जानकारियाँ शामिल हैं। एप्स्टीन पर नाबालिगों की यौन तस्करी के गंभीर आरोप थे।

न्याय विभाग ने साफ़ कहा है कि इन नए दस्तावेज़ों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ लगाए गए कुछ आरोप सही नहीं हैं। DOJ के अनुसार ये आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं। विभाग का कहना है कि अगर इनमें ज़रा भी सच्चाई होती तो इन्हें पहले ही ट्रंप के खिलाफ इस्तेमाल किया जा चुका होता।

DOJ ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर बताया कि ये आरोप 2020 के राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले FBI को दिए गए थे, लेकिन जाँच में इन्हें गलत पाया गया। फिर भी कानून और पारदर्शिता के नियमों का पालन करते हुए और एप्स्टीन के पीड़ितों की पहचान की सुरक्षा बनाए रखते हुए सभी जरूरी दस्तावेज़ सार्वजनिक किए जा रहे हैं।

इन दस्तावेज़ों में 2021 का एक नोटिस (समन) भी है, जो ट्रंप द्वारा स्थापित मार-ए-लागो क्लब से जुड़ा है। यह नोटिस एप्स्टीन की पूर्व प्रेमिका और दोषी सहयोगी गिस्लेन मैक्सवेल की जाँच से संबंधित है।

इसके अलावा एक ऐसा पत्र भी शामिल है जिस पर “जे एप्स्टीन” के हस्ताक्षर बताए गए हैं और जो दोषी यौन अपराधी लैरी नासर को भेजा गया था। इस पत्र में सीधे ट्रंप का नाम नहीं है, लेकिन “हमारे राष्ट्रपति” जैसे शब्द लिखे हैं।

हालाँकि, FBI ने जाँच के बाद स्पष्ट किया कि यह पत्र फर्जी है। पत्र की लिखावट एप्स्टीन की लिखावट से मेल नहीं खाती और यह उनकी मौत के तीन दिन बाद पोस्ट किया गया था, जबकि उस समय एप्स्टीन न्यूयॉर्क की जेल में थे। साथ ही, पत्र पर सही जेल का पता और कैदी नंबर भी नहीं था।

न्याय विभाग ने अंत में कहा कि किसी दस्तावेज़ का सार्वजनिक होना यह साबित नहीं करता कि उसमें लिखी हर बात सच है। फिर भी, कानून के अनुसार जो भी दस्तावेज़ जारी करना ज़रूरी है, DOJ आगे भी उन्हें जारी करता रहेगा।

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