ढाका (बांग्लादेश): अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने मंगलवार को मानवता के खिलाफ अपराध से जुड़े एक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना समेत 17 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय किए। यह मामला अवामी लीग के शासनकाल के दौरान कथित जबरन गुमशुदगियों से जुड़ा है।
बांग्लादेशी अख़बार डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार तीन सदस्यीय न्यायाधिकरण ने अभियुक्तों के खिलाफ लगाए गए चार आरोपों को पढ़कर सुनाने के बाद यह आदेश पारित किया। अभियुक्तों में शेख हसीना के पूर्व रक्षा और सुरक्षा सलाहकार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) तारिक अहमद सिद्दीकी और 11 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं।
डेली स्टार के मुताबिक, 17 अभियुक्तों में से सेना से जुड़े रैपिड एक्शन बटालियन के 10 पूर्व अधिकारियों को सुनवाई के दौरान न्यायाधिकरण के समक्ष पेश किया गया। आरोप तय करने से पहले न्यायाधिकरण ने कटघरे में मौजूद अभियुक्तों से पूछा कि क्या वे अपना अपराध स्वीकार करते हैं। सभी ने खुद को निर्दोष बताया। उनमें से एक ने अदालत से कहा कि उन्हें न्यायाधिकरण से न्याय की उम्मीद है। जिन अधिकारियों के नाम अभियुक्तों में शामिल हैं, वे हैं-ब्रिगेडियर जनरल एमडी क़मरुल हसन, ब्रिगेडियर जनरल तोफायेल मोस्तफा सरवार, ब्रिगेडियर जनरल एमडी महबूब आलम, ब्रिगेडियर जनरल एमडी जहांगिर आलम, कर्नल एकेएम आज़ाद, कर्नल अब्दुल्ला अल मोमेन, कर्नल एमडी सरवार बिन काशेम, कर्नल अनवर लतीफ खान, लेफ्टिनेंट कर्नल एमडी मोशिउर रहमान ज्वेल और लेफ्टिनेंट कर्नल एमडी सैफुल इस्लाम सुमोन।
रिपोर्ट में कहा गया है कि न्यायाधिकरण ने 21 जनवरी को प्रारंभिक दलीलों की तारीख तय की है।अभियोजन पक्ष का हवाला देते हुए बताया गया कि 2016 से 2024 के बीच 14 बंदियों को टीएफआई सेल में अवैध रूप से हिरासत में रखा गया और उन्हें यातनाएँ दी गईं। गौरतलब है कि बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने पिछले महीने शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराधों का दोषी ठहराते हुए मौत की सज़ा सुनाई थी। यह फैसला जुलाई 2024 में हुए सरकार-विरोधी प्रदर्शनों को कुचलने के प्रयासों से जुड़ा था।
शेख हसीना ने कहा है कि ICT का यह फैसला न्यायिक नहीं बल्कि राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा है। उन्होंने इसे “न्यायिक वस्त्रों में राजनीतिक हत्या” करार दिया। एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि उन्हें अपना बचाव करने और अपनी पसंद के वकील नियुक्त करने का अधिकार नहीं दिया गया। इन आरोपों के बावजूद हसीना ने कहा कि उनका बांग्लादेश की संवैधानिक व्यवस्था पर भरोसा बना हुआ है। हमारी संवैधानिक परंपरा मजबूत है और जब वैध शासन बहाल होगा तथा न्यायपालिका अपनी स्वतंत्रता पुनः प्राप्त करेगी, तब न्याय अवश्य होगा। हसीना ने मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर लोकतांत्रिक वैधता की कमी का आरोप लगाया और कहा कि यह सरकार संस्थाओं को कमजोर कर देश को अस्थिरता की ओर ले जा रही है तथा चरमपंथी तत्वों को सशक्त कर रही है।