मुंबई (महाराष्ट्र): नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (NMIA) गुरुवार को औपचारिक रूप से देश के विमानन मानचित्र पर शामिल हो गया। हवाई अड्डे से पहली वाणिज्यिक उड़ान के आगमन के साथ परिचालन शुरू हुआ। इस अवसर पर गौतम अडानी ने स्वयं यात्रियों का स्वागत किया। यात्रियों ने आधुनिक सुविधाओं, भव्य ड्राइववे और भविष्यवादी ढांचे की सराहना करते हुए इसे नवी मुंबई और पूरे मुंबई महानगर क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया।
सुबह 8 बजे बेंगलुरु से आई IndiGo की उड़ान 6E460 का पारंपरिक वॉटर कैनन सल्यूट के साथ स्वागत किया गया। इसके बाद 8:40 बजे हैदराबाद के लिए इंडिगो की उड़ान 6E882 ने उड़ान भरी, जिससे NMIA का पहला आगमन–प्रस्थान चक्र पूरा हुआ। बेंगलुरु से आए यात्री राम प्रसाद ने कहा कि उन्होंने खास तौर पर इस नए हवाई अड्डे को देखने के लिए यात्रा बुक की थी और यात्रियों का व्यक्तिगत स्वागत किए जाने से वे बेहद खुश हैं।
इसी दिन Air India Express ने भी NMIA से अपने परिचालन की शुरुआत की। एयरलाइन की पहली उड़ान बेंगलुरु के लिए रवाना हुई, जबकि दिल्ली के लिए सीधी उड़ान दोपहर 14:05 बजे रवाना हुई। एयर इंडिया एक्सप्रेस के प्रबंध निदेशक आलोक सिंह ने इसे शहर और क्षेत्र के लिए मील का पत्थर बताते हुए कहा कि नवी मुंबई, मुंबई के दोहरे हवाई अड्डा रणनीति का एक अहम स्तंभ है। उन्होंने भरोसा जताया कि आने वाले समय में एयरलाइन यहां से अपने परिचालन का तेज़ी से विस्तार करेगी।
एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ-साथ Akasa Air ने भी NMIA से सेवाएं शुरू कीं। अकासा एयर का 31वां विमान दिल्ली–नवी मुंबई मार्ग पर संचालित हुआ। वहीं, इंडिगो की पहली आगमन और प्रस्थान उड़ानों ने उद्घाटन दिवस को ऐतिहासिक बना दिया।
नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा प्राइवेट लिमिटेड (NMIAL) इस ग्रीनफील्ड परियोजना का विकास, निर्माण और संचालन कर रही है। यह एक सार्वजनिक–निजी भागीदारी (PPP) परियोजना है, जिसमें Adani Airports Holdings Limited की सहायक कंपनी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड की 74 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि महाराष्ट्र सरकार की एजेंसी CIDCO के पास 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
करीब 1,160 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला NMIA पूर्ण होने पर सालाना 9 करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता रखेगा। दो समानांतर रनवे, अत्याधुनिक टर्मिनल, उन्नत कार्गो सुविधाएं और कमल से प्रेरित पर्यावरण–अनुकूल डिज़ाइन के साथ यह हवाई अड्डा न केवल मुंबई क्षेत्र की बढ़ती हवाई यातायात जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि भारत के प्रमुख वैश्विक विमानन केंद्रों में से एक बनने की दिशा में भी अग्रसर है।