कोलकाताः पहाड़ों में शिक्षकों की नौकरी रद्द करने के आदेश पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने अंतरिम स्थगनादेश दिया है। गत 17 दिसंबर को गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (GTA) के 313 शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने का आदेश सिंगल बेंच ने दिया था। उस आदेश को चुनौती देते हुए डिवीजन बेंच में याचिका दायर की गई। बुधवार को न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती की डिवीजन बेंच में उस मामले की सुनवाई हुई।
न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि 12 सप्ताह के लिए स्थगनादेश जारी रहेगा। चार सप्ताह के भीतर मामले से जुड़े सभी पक्षों को हलफनामा दाखिल करना होगा। इसके बाद सर्किट बेंच में ध्यान आकर्षित कर मामले की सुनवाई की तारीख तय करने का भी निर्देश न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती की डिवीजन बेंच ने दिया।
GTA समझौते से पहले पहाड़ों में शिक्षक नियुक्ति की एक अलिखित परंपरा थी, जिसके तहत स्कूल की मैनेजिंग कमिटी अवैतनिक शिक्षकों की नियुक्ति करती थी। बाद में शिक्षा विभाग की अनुमति लेकर उन्हें स्थायी किया जाता था। हालांकि GTA समझौते के बाद भी स्कूल सर्विस कमीशन का गठन न होने से स्वयंसेवी अवैतनिक शिक्षकों ने आंदोलन शुरू किया। इसके बाद राज्य सरकार ने शैक्षणिक योग्यता के आधार पर 439 शिक्षकों की नियुक्ति की। ये सभी शिक्षक कम से कम पांच वर्षों से नौकरी कर रहे हैं।
इस बीच GTA में शिक्षक नियुक्ति में गंभीर अनियमितताओं के आरोप में कोलकाता हाईकोर्ट में मामला दायर किया गया था। गत 17 दिसंबर को उस मामले में न्यायमूर्ति विश्वजीत बोस ने एकमुश्त 313 शिक्षकों की नौकरी रद्द करने का आदेश दिया। अदालत की टिप्पणी थी कि यह नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह अवैध है। सिंगल बेंच के इस आदेश को चुनौती देते हुए डिवीजन बेंच में याचिका दायर की गई। बुधवार को उसी मामले में यह आदेश दिया गया।