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विश्व कप से पहले, दो नई तकनीकों का ट्रायल कर रहा है फीफा

वीएआर के फैसले के लिए उपयुक्त कैमरा एंगल उपलब्ध नहीं था।

By कुणाल बसु, Posted by: रजनीश प्रसाद

Dec 24, 2025 12:43 IST

विश्व कप आ रहा है और फीफा और भी अधिक सटीक होना चाहता है। इसी उद्देश्य से फुटबॉल की नियामक संस्था दो नई तकनीकों का परीक्षण कर रही है। एक तकनीक यह देखने के लिए है कि क्या गेंद मैदान की किसी साइड लाइन के बाहर गई है या नहीं। दूसरी तकनीक ऑफसाइड निर्णय के लिए और अधिक उन्नत है ताकि ऑफसाइड की घटना होने के बाद उसे तेजी से और स्वचालित रूप से पहचाना जा सके।

हाल ही में कतर में इंटरकॉन्टिनेंटल कप के तीन मैचों में फीफा के मैच अधिकारियों ने इन तकनीकों को प्रयोगात्मक रूप से देखा। ये तकनीकें फीफा और हॉक-आई इनोवेशंस के संयुक्त प्रयास से विकसित की गई हैं।

कई बार ऐसा हुआ है कि गेंद थोड़ा सा मैदान के बाहर निकल जाने के बावजूद अटैकिंग टीम उसी गेंद से आगे बढ़कर गोल कर देती है। वीडियो असिस्टेंट रेफरी (वीएआर) की मदद से रेफरी शायद गोल दे भी देता है। हालांकि बाद में पता चलता है कि गेंद वास्तव में लाइन के बाहर जा चुकी थी। वजह यह कि वीएआर के निर्णय के लिए उपयुक्त कैमरा एंगल उपलब्ध नहीं था। पिछले मई महीने में नॉटिंघम फॉरेस्ट के स्ट्राइकर तायो आयोनियी गोलपोस्ट से बुरी तरह टकरा गए थे। उन्हें इंड्यूस्ड कोमा में रखना पड़ा। बाद में पता चला कि वह ऑफसाइड थे। मतलब यह कि अगर पहले ही ऑफसाइड की सीटी बज जाती तो यह दुर्घटना टाली जा सकती थी।

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