लखनऊ: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राष्ट्र के प्रति उनके योगदान को याद किया। सीएम योगी ने वाजपेयी को एक दूरदर्शी नेता बताते हुए कहा कि उन्होंने कई बार राज्य का संसद में प्रतिनिधित्व किया और देश के विकास के लिए कार्य किया। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अटल बिहारी वाजपेयी के अमूल्य योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह वर्ष विशेष है क्योंकि देश अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी मना रहा है। इस अवसर पर देशभर में उनकी कविताओं का पाठ, उनके लेखन पर विमर्श और उनके महत्वपूर्ण भाषणों पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उन्होंने कई बार राज्य का देश की संसद में प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने विकास की नई सोच के साथ देश को आगे बढ़ाने का कार्य किया। यह वर्ष विशेष है। अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी पूरे देश में उत्साह के साथ मनाई जा रही है, जिसमें उनकी कविताओं का पाठ, उनके लेखन पर चर्चा और संसद व अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दिए गए उनके महत्वपूर्ण भाषण शामिल हैं। मुख्यमंत्री योगी ने अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृतियों को जीवंत बनाए रखने के लिए डबल इंजन सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि उनकी जन्म शताब्दी के अवसर पर डबल इंजन सरकार ने लखनऊ में एक राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल का निर्माण किया है ताकि अटल जी की स्मृतियों को जीवंत रखा जा सके और उनके विचारों की निरंतरता बनी रहे। आज इस स्थल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा। इस बीच एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के लखनऊ का दौरा करेंगे, जहां वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर कार्यक्रम में शामिल होंगे। दोपहर करीब 2:30 बजे प्रधानमंत्री राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन करेंगे और इस अवसर पर जनसभा को संबोधित भी करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की उस परिकल्पना से प्रेरित होकर, जिसमें स्वतंत्र भारत के महान व्यक्तित्वों की विरासत को सम्मान देने का संकल्प है, राष्ट्र प्रेरणा स्थल भारत के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन, विचारों और स्थायी विरासत को समर्पित होगा। उनके नेतृत्व ने देश की लोकतांत्रिक, राजनीतिक और विकास यात्रा पर गहरा प्रभाव डाला। राष्ट्र प्रेरणा स्थल को एक राष्ट्रीय स्मारक और प्रेरणादायी परिसर के रूप में विकसित किया गया है, जिसका स्थायी राष्ट्रीय महत्व है। लगभग 230 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह परिसर 65 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और इसे नेतृत्व मूल्यों, राष्ट्र सेवा, सांस्कृतिक चेतना और जन प्रेरणा को बढ़ावा देने के लिए एक स्थायी राष्ट्रीय धरोहर के रूप में विकसित किया गया है।
इस परिसर में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 65 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, जो भारत की राजनीतिक सोच, राष्ट्र निर्माण और सार्वजनिक जीवन में उनके महत्वपूर्ण योगदान का प्रतीक हैं। इसके साथ ही यहां लगभग 98,000 वर्ग फुट में फैला कमल के आकार का एक अत्याधुनिक संग्रहालय भी बनाया गया है। राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन निस्वार्थ नेतृत्व और सुशासन के आदर्शों को संरक्षित और प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और यह वर्तमान व आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।