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घर में चप्पल पहनकर चल रहे हैं ? कहाँ-कहाँ जूते पहनने से तबाही आ सकती है ?

जाहिर तौर पर जो छोटा लगता है, वास्तव में वही हो सकता है और यह आपके विनाश का कारण बन सकता है। आपको इसका पता भी नहीं है। जिनमें से एक है घर में चप्पल पहनकर चलना।

By सायम कृष्ण देव, Posted by: लखन भारती

Dec 20, 2025 17:29 IST

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की सही डिज़ाइन और सही दिशा में सही कार्य करने से मानव के स्वास्थ्य, समृद्धि, शांति और जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है। यह ब्रह्मांड की विशेष संचलन शक्ति के साथ संतुलन स्थापित करता है। यह अशुभ शक्तियों को दूर करता है और शुभ वातावरण बनाने में मदद करता है। जो हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है, जीवन में संतुलन लाता है। इसी तरह हमारी जानकारी या अनजाने में किए गए छोटे-छोटे गलतियां जीवन पर बड़ा प्रभाव डाल सकती हैं। जो देखने में छोटी लगती हैं, वह वास्तव में आपकी विनाश का कारण बन सकती हैं। आप इसे जान भी नहीं पाते हैं। जिसमें से एक है घर के अंदर चप्पल पहनकर चलना।

कई लोग पूरे साल घर के अंदर और बाहर हर जगह चप्पल पहनकर घूमते हैं। कई लोग इस ठंड के समय में, ठंड से बचने के लिए घर के अंदर भी चप्पल पहनते हैं। इससे आपका वास्तु का बारह बज रहा है। संतुलन बिगड़ रहा है, धीरे-धीरे आप विनाश की ओर बढ़ रहे हैं। तो क्या घर में चप्पल नहीं पहन सकते ? नहीं, चप्पल पहनने में कोई दोष नहीं है। खासकर इस ठंड में बिना जूतों के जमीन पर चलने से कई लोगों को ठंड लग जाती है। खासकर जिन लोगों को अधिक ठंड लगती है, उन्हें और भी सावधान रहना चाहिए। हालांकि, वास्तु संतुलन बनाए रखने के लिए घर के कुछ विशेष स्थानों पर कभी जूते या चप्पल नहीं पहननी चाहिए। नहीं तो बड़ी परेशानी हो सकती है।

घर के किन किन स्थानों पर जूते या चप्पल पहनकर जाना उचित नहीं है ?

मंदिर मेंः

हिंदू धर्म में पूजा घर को भगवान का निवास स्थान माना जाता है। यहां जूते या चप्पल पहनकर प्रवेश करने से देवताओं को क्रोध आता है। उनके क्रोध का प्रभाव आपके जीवन पर पड़ता है। परिवार में आर्थिक समस्याएं आती हैं, अशांति बढ़ती है। कभी भी पूजा घर या जहां भगवान हैं, वहां जूते या चप्पल पहनकर न जाएं।

रसोईघर मेंः

रसोईघर को घर का एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। यह स्वास्थ्य, आनंद और शुभ ऊर्जा का केंद्र है। यहां भोजन तैयार किया जाता है, जो देवी अन्नपूर्णा का प्रतीक है। इसलिए, जूते या चप्पल पहनकर कभी भी रसोईघर में प्रवेश नहीं करना चाहिए। क्योंकि अगर अन्नपूर्णा क्रोधित हो जाएं तो घर में अन्न की कमी होती है और आर्थिक समस्याएं आती हैं।

तिजोरी के पासः

जिस कमरे में तिजोरी होती है, वहां कभी चप्पल या जूते पहनने योग्य नहीं हैं। प्रचलित विश्वास है कि तिजोरी में देवी लक्ष्मी का वास होता है। तिजोरी के पास चप्पल या जूते पहनकर नहीं जाना चाहिए। उन्हें बाहर उतारकर कमरे में प्रवेश करें। अन्यथा देवी लक्ष्मी क्रोधित हो सकती हैं।

भंडार घर मेंः

चप्पल या जूते पहनकर भंडार के कमरे में प्रवेश नहीं करना चाहिए। इसे अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में भोजन की कमी हो सकती है। भंडार घर में खाद्य सामग्री रखी होती है, जैसे चावल-दाल आदि। इन सभी खाद्य पदार्थों में देवी अन्नपूर्णा वास करती हैं। इसलिए यदि जूते पहनकर भंडार घर में प्रवेश किया जाए तो देवी अन्नपूर्णा क्रोधित हो सकती हैं।

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