FSDL के अनुबंध के खत्म होते ही कई क्लब दिशाहीन

FSDL के अनुरोध पर बने कई फ्रेंचाइजी (सिर्फ युवा विकास विभाग रखकर) अपनी टीमें समेट लेंगी

By पार्थ दत्त, Posted by: रजनीश प्रसाद

Dec 09, 2025 17:51 IST

समाचार एई समय: सुपर कप खत्म हो गया है। ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के मार्केटिंग पार्टनर रिलायंस के साथ 15 साल का एग्रीमेंट भी खत्म हो रहा है। मंगलवार से इंडियन क्लब फुटबॉल पूरी तरह से दिशाहीन हो गया है। अगर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, यूनियन स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री कुछ दिनों में ISL और I-League पर कोई फैसला नहीं ले पाती है तो FSDL के कहने पर बनी कई फ्रेंचाइजी (सिर्फ यूथ डेवलपमेंट को रखते हुए) अपनी टीमें बंद कर देंगी।

ISL के मार्केटिंग पार्टनर को लेकर सबसे बड़ी रुकावट फेडरेशन के बदले हुए संविधान के चार क्लॉज हैं। फेडरेशन और केंद्र सरकार के वकीलों ने उन चार क्लॉज पर नया फैसला देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट भी आज, मंगलवार को इस पर अपना फैसला सुनाने वाला है।

यह भी जानकारी मिल रही है कि जैसे ही सुप्रीम कोर्ट का निर्देश मिलेगा, खेल मंत्री मनसुख मांडविया की टीम ISL और I-League शुरू करने के लिए नए मार्केटिंग पार्टनर की घोषणा करने के लिए तैयार है। चूंकि सोमवार रात 12 बजे तक ISL के आधिकारिक पार्टनर रिलायंस के साथ मास्टर राइट्स एग्रीमेंट की अवधि थी, इसलिए उससे पहले किसी नए पार्टनर का नाम घोषित करना नियमों के खिलाफ होता।

ISL के नए कॉर्पोरेट पार्टनर के लिए बोली लगाने के लिए KPMG जिम्मेदार है। इसने जो रोडमैप तैयार किया है, उससे पता चलता है कि ISL अगले दस साल तक घाटे में चलती रहेगी। अगर सब ठीक रहा तो ग्यारहवां साल ब्रेक-ईवन पॉइंट होगा। उसके बाद यह मुनाफे में आ सकती है। इसलिए कोई भी नई कॉर्पोरेट एंटिटी बिना लॉन्ग-टर्म कॉन्ट्रैक्ट के जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। इसके साथ ही उनके पास लीग चलाने की कम से कम 60 परसेंट पावर होगी। AIFF के बदले हुए संविधान को तोड़कर यह पावर सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही दे सकता है। अगर वह फैसला पास हो जाता है तो रिलायंस फिर से ISL की कमान संभालेगी। शायद किसी दूसरे नाम से, कुछ नई पॉलिसी के साथ। रिलायंस के अलावा ज़ी स्पोर्ट्स भी इस लीग में इंटरेस्टेड है। हालांकि लीग चलाने के लिए उन्हें एक कैलेंडर देना होगा जिसमें कम से कम चार महीने तक देश में कोई बड़ा क्रिकेट टूर्नामेंट न हो।

अगर FSDL लीग को नए सिरे से चलाने आती है तो कम से कम इस सीज़न के लिए वे कुछ शर्तें लगा सकते हैं ताकि टीमों की संख्या कम हो जाए। ओडिशा FC ने कोई टीम नहीं बनाई है। मोहम्मडन भी बिना स्पॉन्सर के है। हालांकि इंटर काशी I-League चैंपियन है लेकिन रिलायंस उन्हें लेने में इंटरेस्टेड नहीं है क्योंकि चैंपियनशिप को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में एक केस पेंडिंग है।

हालांकि मोहन बागान, ईस्ट बंगाल, FC गोवा, मुंबई सिटी, केरला ब्लास्टर्स, स्पोर्टिंग क्लब दिल्ली इस उम्मीद में तैयारी कर रहे हैं कि रिलायंस वापस आ रहा है। दिमित्री पेट्राटोस भी सोमवार को मोहन बागान की प्रैक्टिस में शामिल हुए। वज़न कम करने वाले अजी फॉरवर्ड प्रैक्टिस के पहले दिन काफी अलर्ट थे।

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